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एडेल बैलेटा (मॉड्यूल 1, 2 और 3 की प्रमुख लेखिका)

एडेल पुरस्कार से सम्मानित विज्ञान लेखिका, संपादक, प्रशिक्षक और मीडिया सलाहकार हैं। वह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वैक्सीन सेफ्टी कम्युनिकेशन कंसल्टंट हैं और वैक्सीन हेसिटेंसी पर दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय सलाहकार समूह की सदस्य हैं। एडेल 25 से ज्यादा साल तक लांसेट ग्रुप के मेडिकल जर्नल्स के लिए अंतरराष्ट्रीय संवाददाता रह चुकी हैं। प्रमुख लेखिका के रूप में पीयर रिव्यू जर्नल "वैक्सीन" में इनकी रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हे। स्वास्थ्य और मानवाधिकार विषयों पर पूरी तरह ध्यान देने के साथ ही वह वैज्ञानिकों और पत्रकारों के बीच सेतु के रूप में काम करने और विज्ञान को जनता के लिए सुलभ बनाने के लिए बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने 20 से अधिक देशों में WHO, लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन और वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ साइंस जर्नलिस्ट्स के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोज किया है।

डॉ. जया श्रीधर (मॉड्यूल 5 की लेखिका)

जया इंटरन्यूज की सीनियर मीडिया हेल्थ एडवाइज़र हैं। वह चेन्नई, भारत की एक पुरस्कार विजेता, स्वास्थ्य और विकास पत्रकार होने के साथ ही मेडिकल डॉक्टर भी हैं। उन्होंने प्रिंट मीडिया, रेडियो, टेलीविजन और डिजिटल मीडिया में पत्रकार के रूप में लंबा अनुभव हासिल किया है। मानवाधिकारों और हेल्थ गवर्नेंस पर विशेष ध्यान देने के साथ ही जया पब्लिक हेल्थ रिपोर्टिंग में माहिर हैं। 2004-2008 के बीच जया इंटरन्यूज़ इंडिया की रेजिडेंट एडवाइज़र थीं। उन्होंने चेन्नई में इंटरन्यूज़ लोकल वॉयस प्रोजेक्ट का नेतृत्व किया और एचआईवी पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया, जिससे पत्रकारों को विज्ञान को समझने और असरदार स्टोरीज़ लिखने में मदद मिली। वह विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाहकार हैं और एशियन कॉलेज ऑफ़ जर्नलिज़्म में जन स्वास्थ्य पत्रकारिता पढ़ाती हैं।

थॉमस (मॉड्यूल 4 लेखिका)

केट एक क्वालिटेटिव ग्लोबल हेल्थ रिसर्चर, नैरेटिव मेडिसिन प्रैक्टिशनर, महामारी की इतिहासकार और लेखिका हैं। वह लाइबेरिया (2013-16) में इबोला के प्रकोप और डीआर कांगो (2019) में लाइबेरिया और कांगो के स्वास्थ्य मंत्रालयों के सहयोग के लिए किए गए जमीनी काम का हिस्सा थीं। उन्होंने लाइबेरिया में इंटरन्यूज पोस्ट-इबोला मीडिया फैलोशिप कार्यक्रम "इन्फॉर्मेशन सेव्स लाइव्स-2" का नेतृत्व किया। इबोला के बाद जन स्वास्थ्य से जुड़ी स्टोरीज़ लिखने के लिए पत्रकारों का मार्गदर्शन किया। वह इबोला डीपली की संस्थापक संपादक थीं, एक ऐसा मंच है, जिसे द गार्जियन ने "मीडिया को डराने वालों के लिए एक मारक" कहा था। केट ने कोविड-19 का मुकाबला करने में स्वास्थ्य, विज्ञान और मानवाधिकार पत्रकारिता के उम्दा काम में योगदान दिया है।

इडा ऊट्स (प्रोजेक्ट लीड)

इडा इंटरन्यूज़ की ग्लोबल मीडिया हेल्थ एडवाइज़र हैं। वह एक वृत्तचित्र निर्माता, अनुभवी संपादक और मीडिया डेवलपमेंट मैनेजर हैं। करीब 20 अंतरराष्ट्रीय और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कारों की विजेता हैं। वह इंटरन्यूज़ हेल्थ पोर्टफोलियो की टेक्निकल लीड के रूप में महामारी पर जवाबी प्रतिक्रिया, संचारी रोगों का मुकाबला, वैश्विक स्वास्थ्य सेवा और दुनिया में स्वास्थ्य को लेकर मुश्किलें पैदा करने वाले हालात में नए प्रोग्राम डिजाइन करने और उन्हें लागू करने के लिए मार्गदर्शन करती हैं। पत्रकारिता करते हुए उन्होंने शासन और भ्रष्टाचार, मानवाधिकार, स्वास्थ्य, जलवायु और पर्यावरण के मुद्दों पर खोजी और विश्लेषणात्मक स्टोरीज पर ध्यान केंद्रित किया जिससे आम नागरिकों की तकलीफों को दूर किया जा सके। विट्स यूनिवर्सिटी मीडिया और एचआईवी कार्यक्रम की फैलो के रूप में उन्होंने हेल्थ मीडिया की स्टोरीज़ और स्वास्थ्य संबंधी गलत सूचनाओं पर पाठकों/दर्शकों की प्रतिक्रियाओं पर शोध भी किया है।


इस कोर्स की जरूरत क मुताबिक कुछ ग्राफ़िक्स बनाने के लिए शॉन क्रोज़ियर का बहुत-बहुत धन्यवाद।

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